कभी तेरी कातील निगाहो से टकराते हैं हम,

कभी तेरी कातील निगाहो से टकराते हैं हम, कभी तेरी मासूम जवानी पे इतराते हैं हम, 
खुदा जाने कि तुम हो कैसी बला,
बेबस हो कर तेरे जुल्फों मे उलझ जाते हैं हम।

3 विचार “कभी तेरी कातील निगाहो से टकराते हैं हम,&rdquo पर;

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